व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए शिक्षा विभाग कर रहा है तैयारी, डीपीसी पर संशय

डीपीसी को लेकर संशय बरकार है

व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए शिक्षा विभाग कर रहा है तैयारी, डीपीसी पर संशय

अध्यापक के 50 हजार पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में नए सत्र में कक्षा नवीं एवं दसवीं में पढ़ाने वाले शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।

जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। इसके तहत 47 हजार की अस्थाई पात्रता सूची जारी की गई है। यह प्रक्रिया गत 4 वर्षों से यूजी-पीजी समान विषय नियम लागू करने से प्रक्रिया रुकी हुई थी। लेकिन ये अब पूरी होने की पूरी उम्मीद है, पर डीपीसी को लेकर संशय बरकार है, क्योंकि 7 फरवरी को इस नियम में संशोधन कर 3 अगस्त 2021 से पूर्व यूजी-पीजी असमान विषय वाले शिक्षकों को सम्मिलित करते हुए अस्थाई पात्रता सूची जारी कर दी गई है तथा मुख्य सचिव के निर्देश अनुसार 31 मार्च से पूर्व विभाग में सभी डीपीसी करने की तैयारी चल रही है। लेकिन यह पूरी डीपीसी प्रक्रिया पूरी होने पर संशय है, क्योंकि वर्तमान में अध्यापक के 30 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में अगर यह पदोन्नति हो जाती है तो करीब 20 हजार से अधिक अध्यापक की पदोन्नति होगी जिससे अध्यापक के 50 हजार पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में नए सत्र में कक्षा नवीं एवं दसवीं में पढ़ाने वाले शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।

अपने ही मकड़ जाल में उलझा 
शिक्षा विभाग के अपने ही आदेशों के मकड़ जाल में उलझा हुआ है, जहां सीधी भर्ती में अतिरिक्त विषय स्नातक वालों को नियुक्ति दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त विषय में स्नातक के 700 शिक्षकों को पदोन्नति नहीं किया जा रहा। ऐसे में तृतीय श्रेणी से अध्यापक पद की 4 वर्ष से डीपीसी रुकी हुई है। अगर सरकार निदेशक के 2022 के विवादास्पद आदेश को प्रत्याहारित कर लेती है तो उच्चतम न्यायालय से इन डीपीसी पर स्थगन हट जाएगा और करीब 25000 तृतीय श्रेणी शिक्षक अध्यापक पद पर पदोन्नति हो जाएंगे। ऐसा होने से अध्यापकों के पद ज्यादा खाली नहीं रहेंगे। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना कि अगर तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति जो 4 वर्ष से उच्चतम न्यायालय में लम्बित है।

किसी भी वर्ग के अधिक पद खाली नहीं रहेंगे
विभाग में पदोन्नति अगर सुचारू रूप से होती रहती है तो किसी भी वर्ग के अधिक पद खाली नहीं रहेंगे। तृतीय श्रेणी शिक्षकों का रास्ता खुल जाने जितने अध्यापक व्याख्याता बनेंगे उतने ही तृतीय श्रेणी से अध्यापक के पद पर पदोन्नति हो जाएगी ऐसे में रिक्त पदों का ग्राफ नहीं बढ़ पाएगा और बच्चों को पढ़ने वाले शिक्षक भी उपलब्ध हो जाएंगे। 


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