ईरान का इजरायल पर बड़ा हमला

ईरान का इजरायल पर बड़ा हमला

दो दिन पहले अमेरिका की ओर से इजरायल को दी गई चेतावनी सही निकली। ईरान ने सौ से अधिक ड्रोन और इतनी संख्या में मिसाइलों के जरिए इजरायल पर हमला बोल दिया।

दो दिन पहले अमेरिका की ओर से इजरायल को दी गई चेतावनी सही निकली। ईरान ने सौ से अधिक ड्रोन और इतनी संख्या में मिसाइलों के जरिए इजरायल पर हमला बोल दिया। जिसे इजरायल से मजबूत एअर डिफेंस प्रणाली निष्क्रिय करने में जुटी है। अब इजरायल को उस पर पलट वार करने का मौका मिल गया है। युद्ध का नया मोर्चा खुलने की वजह से अब यह आशंकाएं बलवती हो गई है कि इसकी लपेट में पश्चिमी एशिया का एक बड़ा भाग आ गया है, उसके और व्यापक होने की आशंकाएं उठ खड़ी हुई हैं। इस युद्ध के छिड़ने की आंच सिर्फ पश्चिमी एशिया तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि पूरी दुनिया को भी प्रभावित कर  सकती है। विश्व पहले से दो साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध और छह माह से जारी हमास-इजरायल के संघर्ष से बनी कई चुनौतियों से उभर नहीं पाया। ऐसे में यह तीसरे युद्ध की त्रासदी फिर उसके सामने चुनौती बनकर उभर आई। 

इसका पहला असर तेल के दामों में वृद्धि और उत्पादन पर होगा। कारण सिर्फ ईरानी हमले की आशंका भर से इसके दाम एक फीसदी बढ़ गए थे। इस नए युद्ध के और भड़क जाने से तेल के दाम कहां तक पहुंच जाएंगे। निश्चित रूप से भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है। ईरान के साथ युद्ध के और भड़कने की संभावना पर इजरायल का अमेरिका और पश्चिमी देश साथ देंगे। अमेरिका ने तो दो दिन पहले ही अपने दो जंगी जहाजों के साथ अपने सेंट्रल कमान के मुख्य कमांडर को इजरायल भेज दिया था।  यहां बता दें कि हमास पर इजरायली हमले को लेकर लालसागर समुद्री मार्ग पर कई देशों के व्यापारिक जहाजों पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से लगातार हमले बोले जा रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले से ही अपने युद्ध पोत तैनात कर रखे हैं। हूतियों के अलावा इजरायल के हमास पर हो रहे हमले के खिलाफ ईरान समर्थित हिजबुल्लाह उत्तरी इजरायल पर हमले बोल रहा है।

यहां बता दें कि जहां तक ईरानी हमलों का सवाल है तो उसके खिलाफ इजरायली सेना पहले से ही तैयार रही है। फिर उसका एअर डिफेंस मजबूत है, जो ईरानी मिसाइलों को विफल कर रहा है। लेकिन इसके उलटे ईरान के पास इजरायल जैसा एअर डिफेंस सिस्टम नहीं है। फिर खुद इजरायल की यह रणनीति भी रही थी कि 7 अक्टूबर को हुए हमले और हमास के खिलाफ  छेड़े संघर्ष के बाद युद्ध के मैदान में ईरान भी उतरे। 

गौर करने वाली बात तो यह है कि एक दिन पहले ही ईरान की रिवॉल्यूशनरी फोर्स ने इजरायली अरबपति के व्यापारिक जहाज जो कि भारत की ओर आ रहा था, उसे अपने कब्जे में लेकर ईरान ले गए थे। ईरान की इस कार्यवाही का इजरायल ने कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी थी। इस जहाज पर सत्रह भारतीय सवार थे। जिन्हें मुक्त कराने के लिए भारत की ईरान सरकार से बातचीत चल रही थी। भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है कि वे जहां तक संभव हो सके, वे फिलहाल ईरान और इजरायल की यात्रा ना करें। 
 इस नए युद्ध ने भारत के लिए आने वाले दिनों में नई मुसीबत खड़ी कर दी है। भारत के जिस तरह से रूस और यूक्रेन से मित्रवत संबंध रहे हैं। इसी तरह इजरायल और ईरान के साथ भी बने हुए हैं। उसे युद्धग्रस्त देशों से अपने देशवासियों को सुरक्षित निकालने की चुनौती होगी। ईरान में जहां करीब चार हजार भारतीय रहते हैं। तो इजरायल में करीब अठारह हजार लोग। यही नहीं इन दोनों देशों से हो रहे व्यापार और कारोबार प्रभावित होंगे। बता दें भारत और ईरान के बीच सालाना करीब 21 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। तो इजरायल के साथ करीब नब्बे हजार करोड़ रुपए का सालाना व्यापार होता है। भारत से चाय, कॉफी, चीनी ईरान भेजी जाती है। तो ईरान से पेट्रोलियम कोक, नट्स और एसाक्लिक एल्कोहल आदि।   दो सप्ताह पूर्व सीरिया स्थित ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए भीषण हमला हुआ था। इसमें ईरान के दूतावास के कई उच्चाधिकारियों और रिवॉल्यूशरी गार्ड फोर्स के वरिष्ठ कमांडरों की मौत हो गई थी। ईरान का आरोप था कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ है। वह इसका बदला लेकर रहेगा। जबकि इस हमले के पीछे इजरायल ने साफ इंकार किया था। संभावित युद्ध को टालने के मकसद से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन, तुर्किए और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों से ईरान को समझाने की कोशिशें भी शुरू करने की बात की थी।  नया युद्ध छिड़ते ही इसे रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुरंत आपात बैठक बुलाई गई है। वह कितनी कामयाब होगी, यह देखना बाकी है। कारण पूर्व में रूस-यूक्रेन युद्ध और हमास-इजरायल के बीच जंग को रोकने के युद्ध विराम को तमाम प्रयास विफल हो चुके हैं। ऐसे में उसकी पहल कोई रंग लाएगी, इसे देखना बाकी है।      

Read More Maharana Pratap Jayanti : पराक्रम और शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Read More जानिए राजकाज में क्या है खास

Post Comment

Comment List

Latest News

Madhavi Raje Scindia Passes Away : 70 साल की उम्र में हुआ निधन Madhavi Raje Scindia Passes Away : 70 साल की उम्र में हुआ निधन
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की माताजी राजमाता माधवीराजे सिंधिया का आज बुधवार सुबह निधन हो गया।
सीएम तक संदेश भिजवा दो, भ्रष्टाचार के मामलों की सीबीआई से जांच हो : मीणा
संयुक्त प्रेस वार्ता में बोले खड़गे- 4 जून को नतीजे चौंकाने वाले होंगे, I.N.D.I.A. गठबंधन की बनेगी सरकार
Freedom Of The City Of London Title से सम्मानित हुयी शबाना आजमी
Madhuri Dixit Birthday : माइक्रोबॉयलोजिस्ट की पढ़ाई बीच में छोड़ चुना फिल्मी करियर, फिल्म तेजाब ने दिलाई इंडस्ट्री में पहचान
शत-प्रतिशत वित्तीय समावेशन एवं डिजिटलिकरण होगा सुनिश्चित 
गाजा में शरणार्थी शिविर पर इजरायल का हवाई हमल में 40 लोगों की मौत, बच्चे भी हताहत