कोटा में लगातार बढ़ रहा रियल एस्टेट कारोबार

हर साल करीब डेढ़ लाख प्रोपर्टी हो रही रजिस्टर्ड

कोटा में लगातार बढ़ रहा रियल एस्टेट कारोबार

पहले जहां शहर के आस-पास अधिकतर कृषि भूमि हुआ करती थी। वहां अब कृषि भूमि पर भी कॉलोनियां बस चुकी हैं।

कोटा। औद्योगिक से शिक्षा और अब पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रहे कोटा शहर में रीयल एस्टेट कारोबार लगातार बढ़ रहा है। इसका अंदाजा हर साल करीब डेढ़ लाख प्रोपर्टी के रजिस्टर्ड होने से लगाया जा सकता है। कोटा शहर में पहले जहां सामान्य मकान बनाए जाते थे। वहीं अब यहां बहुमंजिला इमारतों व भवनों का निर्माण होने लगा है। आवासीय व व्यवसायिक भवनों का निर्माण लगातार हो रहा है। जिससे शहर का विकास व विस्तार भी तेजी से हो रहा है। हालत यह है कि शहर के हर क्षेत्र में दूर-दूर तक  बहुमंजिला इमारतों की भरमार देखी जा सकती है। इनमें हॉस्टलों के अलावा शिक्षण संस्थान, होटल, शोरूम, मॉल, हॉस्पिटल व आवासीय इमारतें भी शामिल है। यही कारण है कि कोटा शहर में प्रोपर्टी कारोबार काफी अधिक बढ़ गया है। यहां स्थानीय निवासियों के अलावा देश भर से मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए स्टूडेंट आ रहे हैं। ऐसे में उनके रहने  व शिक्षा के लिए हॉस्टल व कोचिंग के भी नए -नए बहुमंजिला आवासीय व व्यवसायिक भवन बन रहे हैं। ऐसे में रीयल एस्टेट कारोबारियों की संख्या भी बढ़ी है। कोटा शहर पहले जहां कुछ एरिया तक ही सीमित हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ और पुराने कोटा के बाद नया कोटा विकसित हुआ। पहले स्टेशन, नयापुरा, परकोटा क्षेत्र ही हुआ करता था। वहीं अब दादाबाड़ी, गुमानपुरा, वल्लभ नगर, तलवंडी, जवाहर नगर, इंद्र विहार, बजरंग नगर, थेगड़ा रोड, देवली अरब रोड, बजरंग नगर, राजीव गांधी नगर, कम्पीटिशन कॉलोनी, राजीव गांधी स्पेशल योजना, महावीर नगर प्रथम,आर.के. पुरम्, श्रीनाथपुरम्, नदी पार क्षेत्र में लैंडमार्क, बारां रोड पर नयानोहरा तक कोरल पार्क, रावतभाटा रोड पर गेपरनाथ तक, बूंदी रोड पर बल्ललोप व तालेड़ा तक और रायपुरा से कैथून रोड तक चारों तरफ शहर का विस्तार हो रहा है। 

सरकार को अरबों रुपए राजस्व 
रियल एस्टेट कारोबार से जहां कारोबारियों व प्रोपर्टी डीलरों को लाभ हो रहा है। वहीं इमारतों के निर्माण के बाद उनकी रजिस्ट्री होने से सरकार को भी अरबों रुपए साल का राजस्व प्राप्त हो रहा है। जानकारी के अनुसार कोटा में वर्ष 2021-22 में हुई रजिस्ट्री से विभाग को 392 करोड़ 38 लाख 14 हजार रुपए, वर्ष 2022-23 में 554 करोड़ 27 लाख 19 हजार रुपए और वर्ष 2023-24 में 524 करोड़ 48 लाख 5 हजार रुपए की आय हुई।

फैक्ट फाइल
वर्ष              रजिस्ट्री    राजस्व
2021-22    140799    39238.34
2022-23    170250    55527.19
2023-24    162500    52448.05 

कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियां
रियल  एस्टेट कारोबार बढ़ने का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि यहां जमीनों के भावर डीएलसी रेट से तय होते हैं। हर जगह  व एरिया की रेट अलग है। पहले जहां शहर के आस-पास अधिकतर कृषि भूमि हुआ करती थी। वहां अब कृषि भूमि पर भी कॉलोनियां बस चुकी हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों को भी मालिकाना हक देते हुए पट्टे जारी किए हैं। जिससे कृषि भूमि पर भी बहुमंजिला इमारतें व आवासीय इमारतें बन चुकी हैं। 

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तीन साल में हुई पौने 5 लाख रजिस्ट्रयां
डीआईजी स्टाम्प कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा संभाग में तीन साल वर्ष 2021-22 से 23-24 तक  करीब पौने 5 लाख रजिस्ट्रियां हुई है। इस हिसाब से हर साल करीब डेढ़ लाख से अधिक रजिस्ट्री हो रही है। ऐसे में सरकार को अरबों रुपए राजस्व भी अर्जित हो रहा है। 

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यह रही वर्षवार स्थिति
डीआईजी स्टाम्प कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा संभाग में वर्ष 2021-22 में 1 लाख 40 हजार 799 रजिस्ट्री हुई। वर्ष 2022-23  में 1 लाख 70 हजार 250 और वर्ष 2023-24 में 1 लाख 62 हजार 500 रजिस्ट्री हुई। 

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फ्लैट कल्चर बढ़ा है
पहले परिवार बड़ा था और कमाने वाले कम थे। उस समय छोटे से पुराने घर में रहते थे। सरकारी नौकरी लगी और आर्थिक स्थिति सुधरी तो नए मकान में जाने पर विचार किया। नयापुरा की जगह अब बोरखेड़ा में मकान खरीदा है। हालांकि शहर में अब फ्लैट कल्चर बढ़ा है। अधिकतर लोग सुविधा व सुरक्षा की दृष्टि से फ्लैट खरीदना अधिक पसंद कर रहे हैं। 
- अरुण वर्मा, प्रातप नगर बोरखेड़ा

लाइफ स्टाइल सुधरी व आय बढ़ी
लोगों की लाइफ स्टाइल सुधरी है और आय भी बढ़ी है। ऐसे में लोग नई-नई प्रोपर्टी खरीद रहे हैं और बनवा रहे हैं। इससे पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल रीयल एस्टेट कारोबार की स्थिति सुधरी है। भविष्य में इसमें और सुधार होने की संभावना है।
- अभिषेक गुप्ता,आकांक्षा बिल्डर्स

मध्यम वर्गीय प्रोपर्टी में निवेश बढ़ा
पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल रीयल एस्टेट कारोबार में सुधार हुआ है। लोगों की प्रोपर्टी क्रय क्षमता बढ़ी है। इनवेस्टमेंट उतना नहीं बढ़ा है। लेकिन मध्य वर्गीय जिनमें 50 लाख से 70 लाख तक की प्रोपर्टी में निवेष बढ़ा है। साथ ही सरकार की पॉलिसी भी सकारात्मक होने से इस कारोबार का भविष्य अच्छा है।
- चेतन सेनी सुमंगलम ग्रुप 

इनका कहना है
कोटा में रीयल एस्टेट के तहत जितना भी आवासीज व व्यवसायिक निर्माण होता है। उन सभी की रजिस्ट्री करवाना आवश्यक होता है। कोटा में दो कार्यालय है जिनके माध्यम से रजिस्ट्री की जा रही है। कोटा शहर में ही रोजाना करीब 150 से अधिक रजिस्ट्री हो रही है। जबकि संभाग में हर साल डेढ़ लाख से अधिक रजिस्ट्री हो रही है। इससे सरकार को भी राजस्व अर्जित होता है। विभाग की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए 735 करोड़ 80 लाख रुपए का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य तय किया है। 
- कमल कुमार मीणा, डीआईजी स्टाम्प, कोटा 

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