कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में जुटे कांग्रेस नेता

पार्टी वोट बैंक में सेंधमारी का आंकलन किया जा रहा है

कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में जुटे कांग्रेस नेता

कांग्रेस कैंपेनिंग कमेटी की हाल ही में हुई बैठक के बाद पार्टी को लोकसभा चुनाव कंट्रोल रूम से मिले फीडबैक से पता चला कि जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर आदि में कार्यकर्ता गहलोत, पायलट, डोटासरा गुटों में बंटे हुए हैं।

जयपुर। लोकसभा चुनाव के तहत राजस्थान के पहले फेज की 19 को वोटिंग में दो दिन शेष बचे हैं। कांग्रेस पहले फेज में शामिल 12 सीटों पर प्रचार प्रसार में युद्ध स्तर पर लगी हुई है। इसी बीच कुछ सीटों पर नेताओं की गुट के चलते कार्यकर्ताओं के धड़े बनने और चुनावी मनोबल कमजोर का फीडबैक सामने आने पर कांग्रेस रणनीतिकारों की चिंता बढ़ गई है। फीडबैक रिपोर्ट आधार पर इन लोकसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दिग्गज नेताओं को कमान सौंपी गई है। राजस्थान में पहले चरण में 19 को जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में वोट डलेंगे। इन 12 लोकसभा सीट के लिए घोषित पार्टी प्रत्याशियों के लिए कांग्रेस ने संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। कांग्रेस स्टार प्रचारकों में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट आदि के दौरे तेज हो गए हैं और जनसभाओं के माध्यम से प्रत्याशी की जीत के लिए पसीना बहा रहे हैं। अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला बना हुआ है। इनमें चार सीटें अलवर, चूरू, सीकर और भरतपुर में कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों के अलावा तीसरे मोर्चे और निर्दलीयों प्रत्याशियों की भी कुछ वोट बैंक पर मजबूत पकड़ देखते हुए कांग्रेस रणनीतिकारों को चुनावी टक्कर लग रही है। पहले चरण में 49 निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अब इनकी वजह से पार्टी वोट बैंक में सेंधमारी का आंकलन किया जा रहा है। 

गुट के चलते केवल बाहरी सहयोग मिलने से बढ़ी चिंता

कांग्रेस कैंपेनिंग कमेटी की हाल ही में हुई बैठक के बाद पार्टी को लोकसभा चुनाव कंट्रोल रूम से मिले फीडबैक से पता चला कि जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर आदि में कार्यकर्ता गहलोत, पायलट, डोटासरा गुटों में बंटे हुए हैं। दूसरे गुट का प्रत्याशी होने पर कार्यकर्ता केवल बाहरी तौर पर सहयोग कर रहे हैं। इससे मतदान प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। रणनीतिकारों ने गुट वाले कार्यकर्ताओं को साधने के लिए समर्थक दिग्गज नेताओं को ही कमान सौंपी है। खेमे से नुकसान पहुंचाने वाले कार्यकर्ताओं को साधने के लिए पायलट विशेष तौर पर जयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, भरतपुर, दौसा, अलवर और गंगानगर में कमान संभाले हुए हैं। गहलोत ने जयपुर शहर, बीकानेर, करौली-धौलपुर और नागौर में तो डोटासरा ने चूरू, सीकर और झुंझुनंू में विशेष जिम्मेदारी ले रखी है। प्रत्याशियों से भी लगातार संपर्क साधकर कमजोरी के कारणों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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