जानिए राजकाज में क्या है खास

जानिए राजकाज में क्या है खास

सूबे के नवाबों के शहर के पास नमोजी ने टॉप गियर को लेकर अपना मुंह क्या खोल दिया, कई भाई लोगों की नींद उड़ गई।

टॉप गियर ने उड़ाई नींद
सूबे के नवाबों के शहर के पास नमोजी ने टॉप गियर को लेकर अपना मुंह क्या खोल दिया, कई भाई लोगों की नींद उड़ गई। उड़े भी क्यों नहीं, उनके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। नमोजी भी कम नहीं है, मुंह भी आगा-पीछा सोचकर बालाजी के वार के दिन खोला है। सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर खुसरफुसर है कि नमोजी के मुंह खोलने के पीछे कई मायने हैं, वरना वे अटारी वाले सरपंच से राज की कुर्सी तक पहुंचे धनु राशि वाले भाई साहब के टॉप गियर की बात कतई नहीं करते। भारती भवन में भी चिंतन-मंथन जारी है। चर्चा है कि खुफिया एजेंसियों से दिल्ली दरबार में गुजराती बंधुओं के पास पहुंची सूचनाओं से कान खड़े हुए तो नमोजी ने भी मंगल के दिन उन लोगों को मैसेज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिन्होंने दिल्ली दरबार की जंग के बाद की सोच दिन में मुंगेरीलाल के सपनों में खोना चालू कर रखा हैं। नमोजी के इस टॉप गियर वाले मैसेज को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी हैं।

डूबते को तिनके का सहारा
पिछले कुछ दिनों से हाथ वाले भाई लोगों की चाल में अचानक बदलाव आ गया। पहले वे गर्दन झुकाए चुपचाप चलते थे, लेकिन अब ऊछलकूद किए बिना कदम ही नहीं बढ़ाते। दिल्ली की गद्दी को लेकर चल रही जंग के बीच अचानक उनकी बॉडी लेंग्वेज का बदलना भगवा वाले भाई लोगों को खटक रहा है। राज का काज करने वालों में चर्चा है कि कुछ दिनों पहले तक तो  हाथ वाले भाई लोग खुद को कमजोर मान कर बैठे थे, और मान रहे थे कि एक-दो भी मिलना मुश्किल है, सो उसके लोटे में जितना पानी आ जाए, उतना ही ठीक है। लेकिन भगवा वालों ने गोद वाले को छोड़ पेट वाले की आस करने की कहावत चरितार्थ कर अपने जातिगत वोटों के चक्कर में अपने मूल वोट के साथ जो कुछ किया, उससे अब हाथ वाले अपने आप को 5-6 तक मानने लगे हैं।

एक्सक्ल्युड बनाम इनक्ल्युड
इन दिनों सूबे में एक्सक्ल्युड और इनक्ल्युड को लेकर काफी चर्चा है। इससे इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने के साथ ही सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में भगवा वालों का मंदिर भी अछूते नहीं हैं। राज का काज करने वाले अपने हिसाब से चर्चा में मशगूल हैं। जो भाई लोग इन शब्दों का अर्थ नहीं समझ पा रहे, वो अपने गुरुओं की शरण में हैं। पीसीसी में चर्चा है कि भगवा वाले इनक्ल्युड में कुछ ज्यादा ही विश्वास करते हैं, वो सबसे पहले अपने ही लोगों को घर का रास्ता दिखाने में माहिर हैं। भगवा वालों के ठिकाने के साथ भारती भवन में चिंतन बैठकों में हाथ वालों के इनक्ल्युड फार्मूले को लेकर बहस छिड़ी हुई है। चर्चा है कि भगवा वाले इनक्ल्युड फार्मूले से उन लोगों को गले लगा रहे हैं, जिनके पूर्वजों को किसी न किसी बहाने ठिकाने लगा दिया गया था। चर्चा में दम भी है, जोधपुर, अलवर और जयपुर के मामले जो सामने हैं।

एक जुमला यह भी
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं, बल्कि लग्जरी और खटारा गाड़ियों को लेकर है। जुमला है कि खाकी वाले महकमे में  लग्जरी और खटारा को लेकर रोजाना कई तरह की चर्चाएं होती हैं। चर्चा के बीच कई बार तो कई साहब लोगों की बीपी तक हाई हो जाता है। जुमले की चर्चा भी बोर्डर डिस्ट्रिक्ट से शुरू होकर पीएचक्यू में झण्डे के नीचे बने रूम में बैठने वाले बड़े साहब तक पहुंच चुकी है। जुमला है कि हार्ड कोर क्रिमिनल्स के पास लग्जरी कारों का पीछा करते महकमे की खटारा गाड़ियां बेदम होकर कई बार सड़क बीच खड़ी हो जाती हैं। अब इन खटारा गाड़ियों के बजाय रामभरोसे ही काम चल रहा है। कई बार किस्मत साथ दे जाती है, तो वाह-वाही लूट लेते हैं, वरना इन खटारा गाड़ियों के भरोसे तो लालकोठी सब्जी मंडी तक भी नहीं जा सकते।

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-एल एल शर्मा

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