मुकुंदरा में अब जल्द होगी एक और टाइग्रेस की एंट्री
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघिन की सर्चिंग शुरू
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गत वर्ष मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एनटीसीए से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है।
कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अब जल्द ही एक ओर बाघिन की एंट्री होगी। इसके लिए रणथम्भौर में बाघिन की सर्चिंग भी शुरू कर दी गई है। लंबे समय से टाइग्रेस लाने के लिए मुकुंदरा प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे थे। पूर्व में भी सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू को पत्र लिखे गए, जहां से परमिशन मिलने के बाद कवायद तेज कर दी गई है। बता दें, एमएचटीआर में वर्तमान में एक बाघ-बाघिन विचरण कर रहे हैं। बाघ एमटी-5 को 4 नवम्बर 2022 को शिफ्ट किया गया था। वहीं, बाघिन एमटी-2301 को गत वर्ष 9 अप्रेल को लाया गया था। करीब एक बीत जाने के बाद भी दोनों का आमना-सामना नहीं हुआ। जिसकी वजह से मुकुंदरा अब तक आबाद नहीं हो सका। जबकि, इसके ठीक उलट दो साल में ही रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दो से छह हो गई। ऐसे में मुकुंदरा प्रशासन की ओर से एक टाइगर पर दो या तीन बाघिन का रेशो पूरा किए जाने का प्रयास शुरू किए गए हैं।
बाघ बोराबांस व बाघिन का कोलीपुरा में मूवमेंट
मुकुंदरा में तैनात वनकर्मियों ने बताया कि वर्तमान में बाघ का मूवमेंट बोराबांस रैंज व बाघिन का कोलीपुरा में बना हुआ है। दोनों कोलीपुरा में भी साथ नजर आ चुके हैं। लेकिन, मेटिंग होने की स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, एक और बाघिन आने से बाघ एमटी-5 का भटकाव रुकेगा। गौरतलब है कि बाघ कई बार चंबल नदी पार कर लंबी दूरी तय कर चुका है। कुछ माह पहले ही वह मध्यप्रदेश की सीमा तक पहुंच गया था।
एनटीसीए से मिल चुकी एक बाघ व दो बाघिन की परमिशन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गत वर्ष मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एनटीसीए से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है। लेकिन, स्थानीय स्तर पर बाघ-बाघिन का जोड़ा लाने के सार्थक प्रयास नहीं हुए। हाल ही में अजमेर से ट्रांसफर होकर आए नए उपवन संरक्षक अभिमन्यू सहारण ने इसके प्रयास तेज किए और पहले बाघिन लाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिखे। जहां से परमिशन मिलने के बाद रणथम्भौर में बाघिन की सर्चिंग शुरू कर दी गई है। यहां से अमूमन उन बाघ-बाघिन को शिफ्ट किया जाता है, जो अब तक टेरिटरी नहीं बना पाए हों। ऐसे टाइगर रणथम्भौर के पेरिफेरल क्षेत्र में विचरण करते हैं।
बाघिन के चयन से पहले देखी जा रही फैमिली हिस्ट्री
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के डीएफओ अभिमन्यू सहारण ने बताया कि एक ओर बाघिन लाए जाने के जारी है। रणथम्भौर में भी कवायद शुरू हो गई है। मुकुंदरा में विचरण कर रहे टाइगर-टाइग्रेस से आने वाली बाघिन का बल्ड रिलेशन न हो। इसलिए, रणथम्भौर में बाघिन को चिन्हित करने से पहले उनकी फैमिली हिस्ट्री देखी जा रही है, ताकि, समान जीनपुल में इनब्रिडिंग को रोका जा सके। बाघिन लाने के बाद फिर बाघ लाए जाने की परमिशन ली जाएगी। हमारी ओर से भी तैयारी पूरी की जा रही है।
नॉन ट्यूरिज्म जोन दो पारियों में सर्चिंग
जानकारी के अनुसार, रणथम्भौर में बाघिन की सर्चिंग नॉन ट्यूरिज्म जोन में दो पारियों में वनकर्मी कर रहे हैं। लेकिन, वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि वर्तमान में गर्मी के तेवर तीखे हैं, अभी मई व जून दोे महीने तेज गर्मी रहने से बाघ-बाघिन को ट्रैंकुलाइज करने व एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किए जाने की संभावना है। क्योंकि, गर्मी में वन्यजीवों को किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाता है तो वह स्ट्रेस में आता है। वहीं, जुलाई माह में बारिश का दौर शुरू होने पर भी शिफ्टिंग प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में अभी शिफ्टिंग की संभावना कम ही नजर आती है।
इनका कहना है
मुकुंदरा में एक और बाघिन लाए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रणथम्भौर में भी सर्चिंग की जा रही है। जल्द ही मुकुंदरा में नई बाघिन की एंट्री हो सकती है। मुकुंदरा को आबाद करने व बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी है।
- अभिमन्यू सहारण, उप वन संरक्षक, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
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