ऑटो कट के बाद नहीं भराएं पेट्रोल, नहीं तो कार बन सकती है आग का गोला

टैंक फुल होने पर ओवर फ्लो के कारण आग लगने की रहती है आशंका

ऑटो कट के बाद नहीं भराएं पेट्रोल, नहीं तो कार बन सकती है आग का गोला

आमतौर पर गर्मी के मौसम में वाहनों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं।

कोटा। कोटा के केशवपुरा में शनिवार को एक वैन में आग लग गई गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन गर्मी के मौसम में वाहनों में आग लगने की खबरें आती रहती है। जिसका प्रमुख कारण शॉर्ट सर्किट, ओवर हीटिंग और ईंधन का ओवर फ्लो होना है। ऐसे में जब कभी आप पेट्रोल पंप पर अपने वाहन में ईंधन भराने जाते हैं, तो टैंक को फुल कराने की सोचते हैं ताकि एक साथ जितना हो सके उतना पेट्रोल आ जाए। लेकिन ऑटो कट के बाद पेट्रोल भराना आपके वाहन के लिए घातक साबित हो सकता है। ईलेक्ट्रिक वाहनों में ऑटो कट सिस्टम से चार्जिंग बंद हो जाती है मगर ईंधन से चलने वाले वाहनों में ऑटो कट के बाद पेट्रोल डीजल भरवाने से वाहनों को कई प्रकार के नुकसान हैं जिसमें आग लगना भी शामिल है। जिनके बारे में आज विस्तार से जानेंगे।

क्या होता है ऑटो कट
ऑटो कट जिसका हिंदी में अर्थ होता है स्वत: रूप से बंद होने वाली प्रणाली। पेट्रोल डीलर तरुमीत सिंह बेदी ने बताया कि ऑटोकट का मतलब किसी भी कार्य को संपादित करने के दौरान एक तय सीमा पर कार्य के पूर्ण होने के पश्चात प्रणाली स्वत: ही बंद हो जाए। सिंह ने आग बताया कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाते समय टैंक के तय सीमा तक भरने के पश्चात मशीन खुद से बंद हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेट्रोल भरने वाले नोजल में एक सेंसर लगा होता है। जो टैंक में ईंधन भरने की तय सीमा से पहले ही स्वत: ही बंद हो जाता है। सिंह ने बताया कि टैंक को पूरी क्षमता पर कभी नहीं भरना चाहिए क्योंकि इससे वाहन के साथ टैंक पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। 

वाहनों में आग लगने के ये प्रमुख कारण
आमतौर पर गर्मी के मौसम में वाहनों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं। जहां एक ओर 40 डिग्री तापमान और दूसरी ओर वाहनों के इंजन से उत्पन्न होने वाली गर्मी के कारण आग की संभावना बढ़ जाती है। ऑटो मोबाइल रिपेयर का काम करने वाले ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इनमें सबसे प्रमुख कारण वाहन के तारों में शॉर्ट सर्किट होने और इंजन के अत्यधिक गर्म होना है। कई वाहन मालिक अपने वाहन में बाहरी मार्केट से ईंधन किट और कई प्रकार के बदलाव करा लेते हैं। जिससे वाहन में अनचाहे रुप से वायरिंग में अनियमितताएं हो जाती हैं। शर्मा ने बताया कि इस अवस्था में तारों अत्यधिक ताप के कारण पिघल जाते हैं और शॉर्ट सर्किट की स्थिति बन जाती है। 

वाहनों से छेड़छाड़ बनती है कारण
अन्य मोटर रिपेयर का काम करने वाले मोहम्मद मुस्तफीक ने बताया कि कंपनी से बनकर आने वाले वाहनों में ऐसी कोई भी घटना नाममात्र की देखने को मिलती है क्योंकि कंपनी से बने वाहनों में मानकों के अनुसार ही चीजें लगी होती हैं। लेकिन वाहन मालिक बाहर बाजार में सस्ते दामों में सीएनजी और एलपीजी किट लगा लेते हैं जिससे गैस लीकेज होने से भी वाहन में आग लगने की संभावना बनी रहती है। इसके साथ ही कभी कभी वाहन मालिक समय बचाने के चक्कर में टैंक बिल्कुल फुल करा लेते हैं। जिससे टैंक में गैस बनने के लिए जगह नहीं बचती और ईंधन ओवर फ्लो होने लगता है, जो आसानी से आग पकड़ सकता है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी में अधिक ताप हो जाने से आग की संभावना रहती है।

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वाहन को आग से बचाने के लिए ये करें उपाय
गर्मी के मौसम में वाहनों को आग लगने से बचाने के लिए सबसे जरूरी है, वाहन के इंजन वाले हिस्से को जितना हो सके हीट से बचाना। क्योंकि वाहन में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंजन वाले हिस्से में ही देखने को मिली है। जिस वाहन डीलर जावेद खान ने वाहन में आग लगने से बचाने के कुछ उपाय बताए।
- वाहन के रेडियटर में कूलेंट का प्रयोग करें क्योंकि कूलेंट पानी की तुलना में वाहन के इंजन वाले हिस्से को ज्यादा ठंडा रखता है। 
- पेट्रोल भराते समय ध्यान रखें की टैंक में ईंधन तय सीमा तक ही भरा जाए ताकि गैस बनने के लिए पर्याप्त जगह बचे। क्योंकि टैंक में गैस बनने से ईंधन ऑवर फ्लो होता है जो आग पकड़ सकता है।
- वाहन में किसी भी तरह की आफ्टर मार्केट वायरिंग कराने से बचें क्योंकि इससे वाहन में तार खुले रह जाते हैं या घटिया क्वालिटी की तार होने से उसके जलने का खतरा रहता है।
- वाहन में सीएनजी या एलपीजी किट लगवाते समय उच्च गुणवत्ता वाले तारों का प्रयोग करें। साथ ही तारों और इंजन तथा चेसिस के बीच एक पर्याप्त पैकिंग लगवाएं जो किसी प्रकार का संपर्क स्थापित न करे।
- वाहन में लगे सीएनजी या एलपीजी किट में लगे सिलेंडर का हर पांच साल में हाइड्रो टेस्टिंग कराएं जिससे ये पता चलता रहे कि सिलेंडर की कितनी क्षमता है।  
- वाहन में मानक से अधिक एसेसीरिज नहीं लगवाएं क्योंकि अतिरिक्त एसेसीरीज लगाने पर वाहन की वाइरिंग पर लोड बढ़ता है जिससे शॉर्ट सर्किट को सकता है।

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